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विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें नौसेना के कैप्टन डॉ. ओपी शर्मा ने संबोधित किया।
भोपाल. 06 jun 2024. 12:00pm. padma mishra .
जब हम बात पर्यावरण संरक्षण की करते हैं तो इसकी शुरुआत हमें अपने घर से करना चाहिए। इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल है कि हमारे घरों में ही कितना प्लास्टिक का उपयोग हो रहा है। यह उपयोग किया हुआ प्लास्टिक विभिन्न स्वरूपों में हमारे पर्यावरण को, जीव-जंतुओं को प्रभावित करता है। इसलिए हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम प्लास्टिक उपयोग को पूरी तरह से प्रतिबंधित करें और दूसरों को भी इसके उपयोग से बचाने के लिये प्रेरित करें।
पानी का एक्सपोर्ट संभव नहीं : डॉ. सुदेश वाघमारे
इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ पर्यावरणविद् डॉ. सुदेश वाघमारे ने कहा कि विज्ञान, कला और संस्कृति का समन्वय है। उन्होंने कहा कि दुनिया में अनाज, सोना, चांदी, लोहा, तांबा, कांसा सहित हर जरूरी और आवश्यक चीजों को एक्सपोर्ट किया जाता सकता है। लेकिन पानी एक ऐसी चीज है जिसका एक्सपोर्ट संभव नहीं है। इसलिये हमारी कोशिश हो कि हम जहां है वहां पानी को संरक्षित करें।
पर्यावरण का क्षरण क्यों हुआ इस पर विचार जरूरी
मेपकास्ट के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने कहा कि आज हम इनोवेशन, टेक्नोलॉजी, डेवलपमेंट की बात करते हैं, लेकिन पर्यावरण पर भी चिंतन करने की जिम्मेदारी हम सभी की है। उन्होंने कहा कि हम हमेशा इस पर बात करते हैं कि पर्यावरण का क्षरण हो रहा है, लेकिन हम कभी इस पर बात क्यों नहीं करते कि पर्यावरण खराब क्यों हुआ है। अब वो समय आ गया है जब हमें इस बात पर भी परिचर्चा करने की आवश्यकता है कि पर्यावरण का क्षरण आखिर क्यों हुआ है।
कार्यक्रम के संयोजक मेपकास्ट के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी लोकव्यापीकरण योजना के प्रभारी एवं प्रधान वैज्ञानिक विकास शेन्डे ने कहा कि पिछले दिनों देश में जो तापमान बढ़ने की घटना सामने आई है, वह बढ़ते ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण हुआ है। उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर जल सरंक्षण और पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन की दिशा में निरंतर कार्य करना है। उन्होंने पांच आर (रीयूज़, रीसायकल, रीड्यूज, रिचार्ज, रिस्पेक्ट ) का उपयोग जल एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक बताया। कार्यक्रम का संचालन परिषद प्रधान वैज्ञानिक डॉ निपुण सिलावट ने किया। परिषद के वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी डॉ सुनील गर्ग ने आभार व्यक्त किया।
खेल-खेल में बताया विज्ञान का उपयोग
इस अवसर पर आईआईटी गांधीनगर के सहयोग से विज्ञान भवन में क्रिएटिव लर्निंग सेशन आयोजित किया गया। इस सत्र में आईआईटी गांधीनगर के कन्वीनर पंकज गोदारा ने छात्र-छात्राओं को खिलौनों के माध्यम से गणित और विज्ञान के दृष्टिकोण को बताया। इस दौरान उन्होंने कई गतिविधियों का लाइव डेमोस्ट्रेशन भी करके दिखाया।