03 Oct 2024 . Saniya Ansari
दुनिया में ऐसे कई आदिवासी समुदाय है, जो आज भी किसी न किसी रूप में नरभक्षण करते है। इनकी कई ऐसी अजीबोगरीब प्रथाएं है, जिनसे आज भी दुनिया वाकिफ नई है। ऐसे भी कुछ आदिबासी कबीले है जो अपने मर्त सगे-सम्भंधियो के शवों की हड्डियों की हड्डियों का सूप बनाकर पिटे है।
परिवार वालो के मरने पर उनकी हड्डियों का सूप बनाकर पिने वाले आदिबासी समुदाय दक्षिण अमेरिका में रहते है। इनका निवास स्थान मुख्य रूप से उत्तरी ब्राजील और दक्षिणी वेनेजुएला के जंगलो में है। इन्हे यानोमानी आदिवासी कहा जाता है। ये अमेज़ॉन वर्श्वान के किनारे बसे हुए है।
यानोमानी आदिवासी समुदाय अपने अजीबोगरीब प्रथाओं और जीवनशैली के लिए जाना जाता है। ये आदिवासी बिना कपड़ो के नग्न घूमते है। इनका कोई घर नहीं होता है। ये लोग खुले आसमान के नीचे रात बिताते है। इनके रस्म और रिवाज और वेश-भूषा भी अजीब होते है।
इन आदिवासी समुदाय के लोग अपने परिजन की मौत के बाद अंतिम संस्कार की जो रस्म निभाते है। वो भी बड़ी अजीब है। ये लोग अपने परिजन के अंतिम संस्कार के बाद उसकी हड्डियों की राख का सूप बनाकर पीते है। इन आदिवासियों का ऐसा मानना है कि ऐसा करके वे अपने परिजन की आत्मां की रक्षा करते है। माना जाता है कि इन कबीलेवासियो कि मिर्त्यु में विश्वास नहीं होता है।
मिर्त्यु के बजाए, ये सोचते है कि किसी विरोधी समुदाय के जादूगर ने उनके परिजन पर हमला करने के लिए बुरी आत्माओ को भेजा है। वे सोचते है, इसलिए व्यक्ति के शरीर का अंतिम संस्कार कर देना चाहिए। उनका मानना है कि शव को जलाने और उसकी राख पीने से उनके प्रियजनों की आत्माये पुनर्जीवित होती है। ये आदिवासी समुदाय करीब 200 से 250 गांवों में फैले हुए है।
यानोमानी आदिवासी अपने मृतक रिश्तेदार के शव को पास के जंगल में पत्तो से ढककर 30 से 45 दिनों के लिए छोड़ देते है। इतने दिनों के बाद फिर से जाकर मृतक के शरीर से हड्डिया निकल कर जला दी जाती है। हड्डियों के जलाने के बाद जो राख निकलती है, उसे केले के साथ मिलाकर सूप बनाया जाता है। इस तरह से बनाया गया सूप समुदाय के सभी लोगो के लिए पीना ज़रूरी होता है।