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प्रतिबंध के बाद भी बोरिंग का कार्य जारी था। ऐसे में सूचना पर पहुंचे अधिकारियों ने मशीन संचालक और भूमि स्वामी पर एफआईआर दर्ज करवा दी।
भीषण गर्मी के चलते विंध्य क्षेत्र में वाटर लेवल काफी नीचे चला गया है, जिस वजह से क्षेत्र में पानी की काफी कमी देखी जा रही है। पानी की कमी देखते हुए रीवा, सीधी और मऊगंज कलेक्टर ने बोरिंग पर रोक लगाया है। इसके बाद भी बोरिंग करने पर मशीन मालिक और किसान पर एफआईआर दर्ज की गई है।
मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव द्वारा जिले में नलकूप खनन पर प्रतिबंध के बावजूद बोरिंग करना मशीन संचालक और खनन कराने वाले भूमि स्वामी पर एफआईआर दर्ज की गई है। मिली शिकायत के आधार पर कलेक्टर मऊगंज के निर्देश पर तहसीलदार नईगढ़ी दीपक तिवारी सहयोगी राजस्व अमले के साथ मौके पर पहुंचे और अवैध उत्खनन में लगी बोरिंग मशीन को जब्त करते हुए पुलिस के हवाले कर दिया।
बताया गया है कि मंगलवार सात मई की दोपहर बाद कलेक्टर मऊगंज को फोन पर सूचना दी गई कि जिले के नईगढ़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले पहरखा गांव में प्रतिबंध के बाद भी बोरिंग की जा रही है। इस पर तत्काल कार्रवाई की गई। राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों की संयुक्त टीम मौके पर पहुंच कर बोरिंग मशीन को जब्त कर लिया। वहीं, बोरिंग मशीन को पुलिस थाना नईगढ़ी में सुरक्षा की दृष्टि से खड़ा कराया गया है।
बताया गया है कि जल अभावग्रस्त घोषित किए जाने के आदेश के बावजूद जिले के नईगढ़ी थाना क्षेत्र के पहरखा नामक गांव निवासी छोटेलाल यादव पिता बैजनाथ यादव की जमीन पर उनके घर के सामने प्रतिबंध के बाद भी बोरिंग मशीन क्रमांक केए 19 एए 3416 के तथाकथित बोरिंग मशीन मालिक हरिहर प्रसाद मिश्र की मशीन से मैनेजर योगेंद्र गौतम पिता उमाशंकर गौतम उम्र 40 वर्ष निवासी तिवरिगमा एवं बोरिंग मशीन एजेंट संतोष पटेल के मौजूदगी में मशीन चालक द्वारा बोरिंग की जा रही थी। खेत में बोर करने के मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। साथ ही खेत में बोर करने वाली दो बोरिंग मशीनों को वाहन सहित जब्त कर लिया है। मशीन की कीमत करीब सवा करोड़ रुपये आंकी गई है।