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UP News: लोकसभा चुनाव 2024 के बीच नोएडा में योगी सरकार की हाई पावर कमेटी के साथ किसान संगठनों की बैठक हुई। इसमें किसानों के तमाम मुद्दों पर खुलकर चर्चा की गई। बहरहाल किसानों ने इसे योगी सरकार का सकारात्मक कदम बताया है।
May 02, 2024 / 07:07 pm•
Farmers Meeting in Greater Noida: लोकसभा चुनाव 2024 के बीच नोएडा में योगी सरकार की हाई पावर कमेटी के साथ किसान संगठनों की बैठक हुई। इसमें किसानों के तमाम मुद्दों पर खुलकर चर्चा की गई। बहरहाल किसानों ने इसे योगी सरकार का सकारात्मक कदम बताया है। दरअसल, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में किसानों के अलग-अलग संगठन अपनी मांगों को लेकर कई सालों से धरना-प्रदर्शन करते आ रहे हैं। इसको लेकर इसी साल 8 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय किसान परिषद, अखिल भारतीय किसान सभा और जय जवान जय किसान संगठन ने संयुक्त रूप से दिल्ली कूच किया था। उन्हें दिल्ली बॉर्डर पर रोका गया था और हाई पावर कमेटी का गठन किया गया था। गुरुवार को इसी हाई पावर कमेटी के साथ किसानों की बैठक हुई है।
ग्रेटर नोएडा में दो घंटे से ज्यादा देर तक किसानों के मुद्दों पर हुई चर्चा
गुरुवार को ग्रेटर नोएडा में इस कमेटी के साथ किसान संगठनों की बैठक हुई है। बैठक दो घंटे से ज्यादा चली। बैठक में कमेटी में रेवेन्यू बोर्ड के अध्यक्ष डॉक्टर रजनीश दुबे, मेरठ मंडलायुक्त शैलजा कुमारी, गौतमबुद्ध नगर के डीएम मनीष वर्मा, तीनों अथॉरिटी के सीईओ और एसीईओ मौजूद रहे। अधिकारियों का कहना है कि यह हाई पावर कमेटी किसानों की समस्याओं की शासन को रिपोर्ट भेजेगी और समस्याओं के निराकरण का रास्ता भी निकालेगी।
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गुरुवार को हुई बैठक में 10 परसेंट प्लॉट, 64.7 परसेंट मुआवजा, आबादी का संपूर्ण निदान, पुश्तैनी-गैर पुश्तैनी का भेद खत्म करने, किसानों के 5 प्रतिशत प्लॉट पर कमर्शियल गतिविधि को अनुमति देने समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। किसानों ने बैठक को काफी सकारात्मक पहल माना है। उन्हें उम्मीद है कि सरकार जल्द ही उनकी समस्याओं को दूर करेगी।
ग्रेटर नोएडा में किसानों ने इन मुद्दों पर दिया जोर
उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के अध्यक्ष डॉ. रजनीश दुबे की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अखिल भारतीय किसान सभा, भारतीय किसान परिषद, जय जवान जय किसान संगठन ने कमेटी के समक्ष किसानों के मसले विस्तार से रखें। किसान संगठनों की ओर से समिति को किसानों की विभिन्न मांगों से अवगत कराया गया। समिति के समक्ष किसान नेताओं ने कहा कि किसानों की मांग है कि अधिगृहीत भूमि के सापेक्ष 10 फीसदी विकसित भूमि देने, किसानों की आबादी का पूर्ण निस्तारण कर रेवेन्यू रिकॉर्ड से प्राधिकरण का नाम निरस्त कर काश्तकार के नाम अंकित किए जाने, आबादी विनियमावली 2011 की अंतर्गत 450 वर्ग मीटर की सीमा को एक हजार प्रति वर्ग मीटर की जाए, अधिग्रहित जमीन के एवज में मिलने वाले प्लाट को कमर्शियल घोषित किया जाए।
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