श्रेया न्यूज़,
एस समय भयानक गर्मी पडने से जिला अस्पताल के मारिजो को बिना कूलर पंखे के इलाज कराने ,में मजबूर होना पड़ रहा है। जिला अस्पताल के फीमेल मेडिकल वार्ड की बात करे ,तो यहां पर लम्बे समय से वार्ड के एक कमरे की मरम्मत के चलते मरीजो को बारामदे मुझे बाहर लिटाकर इलाज किया जाता है। बारामदे की हालत यह है कि यहां कुछ पंख खराब हैं, जिस कारण मरीजों को गर्मी में लेट कर इलाज करना पड़ रहा है, इसकी वजह से वो और बीमार पड़ रहे हैं,
इतना ही नहीं बल्कि चिकित्सा में लगे स्टाफ के लिए भी न तो अभी तक कूलर की व्यवस्था की गयी है और न ही गर्मी के बचाव के लिए अन्य कोई संसाधन मुहैया कराय गए है। यहाँ भर्ती होने वाले मरीज और उनके अटेंडर गर्मी में परेशान हो रहे है।
सोनोग्राफी की सेवा भी पड़ी ठप : जिला अस्पताल के प्रसूति वार्ड में महिलाओं की सोनोग्राफी के लिए सुविधा शुरू की गयी थी , लेकिन यह सुविधा कुछ ही दिन चली और इसके बाद से यह व्यवस्था ठप पड़ी हुई है। बता दे की यहाँ की डॉक्टर निशा चतुर्वेदी को सोनोग्राफी के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया था।
जिला अस्पताल के मरीजों का गर्मी में है बुरा हाल|
वे जबलपुर में छह महीने की ट्रेनिंग लेकर आयी थी। इसके बावजूद जिला अस्पताल के प्रसूति वार्ड के सोनोग्राफी कक्ष में टाला पढ़ा हुआ है। बताया जा रहा है की डॉक्टर निशा चतुर्वेदी को सोनोग्राफी से हटा कर अन्य ड्यूटी में लगा दिया है। जिसके कारण ऐसी स्थिति निर्मित हुई है। इस गलत की वजह से प्रसूताओं को सोनोग्राफी के लिए निजी सोनोग्राफी सेंटरों का रुख करना पढ़ रहा है।
डॉक्टरों के आने का इंतजार : जिला अस्पताल की नई ओपीडी में जहा डॉक्टरों के बैठने के लिए चैंबर तैयार किये गए है।
वहां पर समय से डॉक्टर उपलब्ध नहीं होते स्थिति यह है की मरीज यहाँ पर कई घंटे बैठे रहते है जब डॉक्टर आकर यहाँ बैठते है तब तक काफी देर हो जाती है,
. सोनोग्राफी कक्ष में पड़ा है,सुविधा के लिए|अस्पताल का समय सुबह 9बजे से दोपहर 2 बजे तक का है लेकिन 14 नंबर कक्ष यही ओपीडी में बनाये गए डॉक्टर्स चैंबर में चिकित्सक कभी समय पर नहीं पहुँचते। सुबह 11 बजे के बाद ही डॉक्टर पहुँचते है और दोपहर 1 बजे यहाँ से रवानगी डाल देते है। मरीज को इससे भी काफी परेशानी हो रही है शाम के सिफ्ट में भी डॉक्टर नहीं बैठ रहे है।