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अनूपपुर जिले में इन गुफाओं का है खास महत्व, पांडवों ने यहां बिताया था अपने अज्ञातवास का समय

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श्रेया न्यूज़
अनूपपुर. जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर अनूपपुर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत दारसागर में शिवलहरा की गुफाएं आज भी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। केवई नदी पर स्थित शिवलहरा की गुफाएं पांडव कालीन गुफाएं मानी जाती हैं। यह गुफाएं केवई नदी की बहती धाराओं के ऊपर खूबसूरती और प्राकृतिक मनोरम दृश्यों […]

अनूपपुर•05 jun 2024 / 12:09 pm• padma mishra 

अनूपपुर. जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर अनूपपुर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत दारसागर में शिवलहरा की गुफाएं आज भी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। केवई नदी पर स्थित शिवलहरा की गुफाएं पांडव कालीन गुफाएं मानी जाती हैं। यह गुफाएं केवई नदी की बहती धाराओं के ऊपर खूबसूरती और प्राकृतिक मनोरम दृश्यों को समेटे एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल की भांति नजर आती है। यहां प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि पर मेले का आयोजन भी किया जाता है जिसमें दूरदराज के हजारों ग्रामीण पूजा अर्चना के साथ मेले का आनंद भी लेते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शिवलहरा की गुफाओं में पांडवों ने अपने अज्ञातवास का समय व्यतीत किया था। यहां पांच गुफाएं बनी हुई है, जिसमें पांचों भाईयों के नाम एक-एक गुफा होना प्रतीत माना गया है। ऐसा बताया जाता है कि अज्ञातवास के दौरान ही पांडवों ने गुफाओं में मंदिर का निर्माण किया था जो आज भी उसी तरह से हैं। मंदिर में दीवारों पर प्राचीन देव लिपि में कुछ वाक्यांश उकेरे हुए हैं।
पर्यटन स्थली के रूप में मिल सकती है पहचान 

केवई नदी किनारे स्थित शिवलहरा की गुफाएं हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर लेती हैं लेकिन जहां यह गुफाएं देख रेख के अभाव में जर्जर हो रही हैं। वहीं दूसरी ओर सड़क पहुंच मार्ग न होने से लोगों को आने जाने में परेशानी भी उठानी पड़ती है। पर्यटन की दृष्टि से यह गुफाएं आज भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है लेकिन वृहद स्तर पर इसका प्रचार प्रसार नहीं हो पाया है।

पौराणिक अवशेष भी मिले 

स्थानीय लोगों का कहना है कि शिवलहरा की गुफाएं वर्तमान में भी किसी पौराणिक घटनाओं को समेटे अप्रत्यक्ष वास्तविकताओं को दर्शाती नजर आती है। शिवलहरा की मान्यताओं की जांच में दिल्ली और भोपाल की पुरातत्व विभाग ने खोजबीन की थी। इसके बाद कुछ वर्ष पूर्व इंदिरागांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक की पुरातत्व विभाग की टीम ने भी दारसागर सहित शिवलहरा क्षेत्र में खोज की थी जिसमें पुरातत्व विभाग को चूड़ी, मिट्टी के बर्तन, मुद्राएं सहित अन्य अवशेष मिले थे। यहीं नहीं इंदिरागांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक पुरातत्व विभाग ने इन अवशेषों के आधार पर अनूपपुर जिले का 2500 वर्ष पूर्व अस्तित्व भी माना था।

Shreya News
Author: Shreya News

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