लद्दाख . 01 Oct 2024 . Saniya Ansari
साल 2019 के बाद से लद्दाख को छटी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने की मांग की जा रही है। पर्यावरण संरक्षण और रेमन मेग्सेसे पुरस्कार विजेता सोनम वांगचुक इस आंदोलन का नेतर्त्व
कर रहे है। उन्होंने एक सितंबर से लद्दाख से दिल्ली चलो पदयात्रा शुरू की थी।
सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक समेत लद्दाख के 130 लोगो को दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से हिरासत में ले लिया है। आंदोलनकारी अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर 700 किमी लम्बी पदयात्रा पूरी करने जा रहे थे। सोनम वांगचुक देर रात जैसे ही हरियाणा से दिल्ली में दाखिल हुए तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। पुलिस का कहना था की यहाँ उत्तरी और मध्य दिल्ली समेत कई इलाको में BNNS की धारा 163 लागू की गई है, जिसके के तहत 5 से ज़्यादा लोगो के एक साथ जमा होने पर पाबन्दी है। निषेधाज्ञा 5 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगी।
हालांकि, मार्च में हिस्सा लेने वाली महिलाओ को हिरासत में नहीं लिया गया है। ‘दिल्ली चलो पदयात्रा का आयोजन लेह एपेक्स बॉडी (LAB) द्वारा किया जा रहा है, जो कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के साथ संयुक्त रूप से चार साल से आंदोलन चला रहा है।
जानिए क्या है वो चार डिमांड्स
- लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाये।
- संविधान की छटी अनुसूची में शामिल किया जा।
- लद्दाख के लिए एक लोक सेवा आयोग के साथ शीघ्र भर्ती प्रकिर्या हो।
- लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग-अलग लोकसभा सीटें घोषित की जाए।
इससे पहले इसी साल मार्च में भी सोनम वांगचुक ने 21 दिनों का अनशन किया था। तब उन्होंने सिर्फ नमक और पानी पीकर अनशन किया था। वांगचुक ने सरकार पर लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और संवैधानिक संरक्षण देने का वादा तोड़ने का आरोप लगाया था।