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अमेरिका और नाइजर के बीच आख़िरकार सहमति बन गई है। यह सहमति है अमेरिकी सेना के अफ्रीकी देश छोड़ने की।
नई दिल्ली•May 24, 2024 / 09:50 am. padma mishra.
पश्चिम अफ्रीकी देश नाइजर (Niger) में पिछले साल 26 जुलाई को सेना ने राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम (Mohamed Bazoum) को सत्ता से हटाकर गिरफ्तार कर लिया था और तख्तापलट करते हुए सत्ता पर कब्ज़ा कर लिया था। तख्तापलट के बाद से ही नाइजर में हालत पूरी तरह से बदल गए थे। तख्तापलट के बाद नाइजर की सेना के कई देशों से संबंध पूरी तरह बदल गए और उन्होंने फ्रांस (France) के राजदूत के साथ ही सेना को भी देश से बाहर कर दिया गया था। कुछ महीने पहले नाइजर की सेना ने अमेरिका (United States Of America) से सैन्य समझौता खत्म करने का फैसला लिया था और अमेरिकी सेना को तुरंत देश छोड़ने के लिए भी कह दिया था। पर अमेरिका का अपनी सेना को नाइजर से निकालने का कोई इरादा नहीं था। पर अब दोनों देशों इस विषय पर सहमति बन गई है।
अमेरिकी सेना छोड़ेगी अफ्रीकी देश
अमेरिका और नाइजर में सहमति बन गई है कि अमेरिकी सेना अफ्रीकी देश छोड़ेगी। दोनों देशों के रक्षा मंत्रालयों के अधिकारियों ने एक-दूसरे से इस विषय पर चर्चा की और इस नतीजे पर पहुंचे कि अमेरिकी सेना अब नाइजर में अपनी सैन्य कार्यवाही जारी नहीं रखेगी।
किस दिन तक छोड़ना होगा देश?
अमेरिका और नाइजर में सहमति बनी है कि अमेरिकी सेना को 15 सितंबर तक नाइजर छोड़ना होगा। अमेरिकी सैनिकों के नाइजर छोड़ने की प्रक्रिया शुरू भी हो गई है।
ड्रोन बेस से धोना पड़ेगा हाथ
नाइजर में अमेरिका का एक बड़ा ड्रोन बेस भी है। इस ड्रोन बेस की वैल्यू करीब 100 मिलियन डॉलर्स है और इस बेस पर कई अटैक ड्रोन्स हैं। अमेरिका के कुछ विमान भी इस ड्रोन बेस पर हैं। ऐसे में नाइजर से अमेरिकी सेना के निकलने पर अमेरिका को इस ड्रोन बेस से हाथ धोना पड़ेगा। हालांकि अमेरिका अपने ड्रोन्स और विमान और इसके अलावा दूसरे हथियारों को ले जा सकता है, पर ड्रोन बेस को नहीं, जो अमेरिका के सबसे बड़े ड्रोन बेस में से एक है।