श्रेया न्यूज़
इंदौर के प्रमुख मार्गों के सिग्नल रेड होने वाहन चालकों को एक से डेढ़ मिनट तक खड़े रहना पड़ता है। सिग्नल पर कई चार पहिया वाहन भी खड़े रहते है। इस कारण वाहन के आसपास ज्यादा गर्म हवा रहती है। इस कारण चौराहों पर तापमान एक-डेढ़ डिग्री ज्यादा रहता है।
इंदौर .22 May 2024. 01:24pm. padma mishra.
दूसरे शहरों की तर्ज पर इंदौर में भी अब धूप से बचने के लिए ग्रीन नेट का सहारा लिया जा रहा है। क्षेत्रीय पार्षद की पहल पर फिलहाल लेटर्न चौराहे पर दो तरफ ग्रीन नेट लगाई गई है। तपती गर्मी में ट्रैफिक सिग्नल पर ग्रीन नेट के नीचे खड़े होकर वाहन चालक राहत महसूस कर रहे है।
लेटर्न चौराहे पर पहले काफी पेड़ हुआ करते थे, लेकिन 20 साल पहले बनी बाण्ड सड़क के लिए इस मार्ग से सैकड़ों पेड़ काट गए। गर्मी में लोग पेड़ों की घनी छाया को तरस रहे है और विकल्प के तौर पर प्लास्टिक की ग्रीन नेट का सहारा लिया जा रहा है। बीते तीन से इंदौर में पारा 41 डिग्री से ज्यादा है और दोपहर में जो लोग काम के सिलसिले में घरों से निकल रहे है उन्हें तेज गर्मी और उमस से परेशान होना पड़ रहा है।
इंदौर के प्रमुख मार्गों के सिग्नल रेड होने वाहन चालकों को एक से डेढ़ मिनट तक खड़े रहना पड़ता है। सिग्नल पर कई चार पहिया वाहन भी खड़े रहते है। जिनके एसी चलते है। इस कारण वाहन के आसपास ज्यादा गर्म हवा रहती है। इस कारण चौराहों पर आमतौर पर तापमान एक-डेढ़ डिग्री ज्यादा रहता है।
फिलहाल लेटर्न चौराहे पर ग्रीन नेट लगाई गई है। इस तरह के प्रयोग अन्य चौराहों पर भी नगर निगम और ट्रैफिक विभाग कर सकता है। रायपुर, पांडिचेरी, भिलाई में चौराहों पर इस तरह की ग्रीन नेट लगाई गई है। 56 दुकान क्षेत्र के व्यापारियों ने ग्राहकों की सुविधा के लिए पूरी 56 दुकानों पर इस तरह की नेट लगाई गई है।
सालभर में ब्रिज के लिए चार हजार से ज्यादा पेड़ काटे
इंदौर के पांच प्रमुख चौराहों पर ब्रिज बन रहे है। इनमें से दो ग्रीन बेल्ड पर ही आकार ले रहे है। ब्रिज निर्माण में बाधक 4 हजार से ज्यादा पेड़ों को काटा गया। खजराना चौराहा और फूठीकोठी चौराहा पर ब्रिज के लिए ग्रीन बेल्ट का बड़ा हिस्सा उजाड़ा गया।