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हेलिकॉप्टर में राष्ट्रपति रईसी और विदेश मंत्री होसैन के अलावा हेलिकॉप्टर में पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर मलिक रहमती, तबरीज के इमाम मोहम्मद अली अलेहाशेम, एक पायलट, को-पायलट, क्रू चीफ, हेड ऑफ सिक्योरिटी और बॉडीगार्ड सवार थे।
नई दिल्ली.21 may 2024. 01:26pm .padma mishra.
एजेंसी, दुबई (Iran President Death Live)। हेलिकॉप्टर हादसे में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत की पुष्टि हो गई है। उनके साथ हेलिकॉप्टर में मौजूद विदेश मंत्री की भी मौत हो गई है। बीती रात की घटना के बाद रेस्क्यू दल बमुश्किल मौके पर पहुंच सका था।
हेलिकॉप्टर में राष्ट्रपति रईसी और विदेश मंत्री होसैन के अलावा हेलिकॉप्टर में पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर मलिक रहमती, तबरीज के इमाम मोहम्मद अली अलेहाशेम, एक पायलट, को-पायलट, क्रू चीफ, हेड ऑफ सिक्योरिटी और बॉडीगार्ड सवार थे। सभी के मारे जाने की सूचना है।
जानिए आगे क्या होगा, अब कौन बनेगा राष्ट्रपति
ईरान में व्यवस्था है कि यदि किसी राष्ट्रपति का पद पर रहते हुए निधन होता है तो उपराष्ट्रपति को यह जिम्मेदारी सौंपा जाती है। इस तरह, माना जा रहा है कि उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर देजफुली राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की जगह ले सकते हैं। इसके साथ ही पचास दिनों के अंदर चुनाव होंगे।
ईरान की सड़कों पर सन्नाटा
दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद से ईरान में सड़कों पर सन्नाटा है। मस्जिदों में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की जा रही थी। बता दें, यह हादसा उस समय हुआ था, जब ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी हेलीकाप्टर में सवार होकर एक बांध के उद्घाटन के लिए जा रहे थे। देश के पूर्वी अजरबैजान प्रांत के पर्वतीय वन क्षेत्र में घने कोहरे की वजह से हेलिकॉप्टर पहाड़ियों से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। राष्ट्रपति के साथ हेलीकाप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीरअब्दुल्लाहियन व पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर भी सवार थे।
पीएम मोदी ने जताई चिंता, की प्रार्थना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा था- राष्ट्रपति रईसी की हेलीकाप्टर उड़ान के संबंध में खबरों से अत्यधिक चितित हूं। हम संकट की इस घड़ी में ईरानी लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं और राष्ट्रपति व उनके साथियों की कुशलता की कामना करते हैं।
यह दुर्घटना ऐसे समय हुई है जब ईरान ने पिछले महीने ही इजराइल पर एक अभूतपूर्व ड्रोन और मिसाइल हमला किया था। साथ ही उसका यूरेनियम संवर्धन का कार्यक्रम भी हथियार बनाने में उपयोग करने लायक स्तर के करीब पहुंच गया है।