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चुनाव के बीच एमपी में हैरान करने वाला मामला…। 30 रुपए की रिश्वत ले रही थी नगर परिषद अध्यक्ष सारिका खटीक…। सारिका की मां भाजपा की विधायक हैं…
May 03, 2024 / 09:55 am
![bjp mla daughter sarika khatik](https://cms.patrika.com/wp-content/uploads/2024/05/sarika-khatik.png)
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। इसके बाद सियासत में घमासान मच गया है। यहां भाजपा विधायक उमा देवी खटीक की बेटी सारिका खटीक को 30 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है। सागर की लोकायुक्त पुलिस ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। लोकसभा चुनाव के बीच पहली बार किसी जनप्रतिनिधि को रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद राजनीति गर्मा गई है।
नगर परिषद अमानगंज की अध्यक्ष सारिका खटीक को सागर लोकायुक्त टीम ने गुरुवार दोपहर 30 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। अमानगंज के राघवेंद्र राज मोदी से लिफ्टर मशीन के बिल भुगतान के नाम पर 40 हजार की मांग की थी। सारिका की मां उमा खटीक अभी हटा से भाजपा विधायक हैं। लोकायुक्त पुलिस के अनुसार, नगर परिषद ने 4 माह से मशीन किराए के 1.33 लाख रुपए बाकी थे। इसकी एवज में सारिका ने रिश्वत मांगी। गुरुवार को शिकायतकर्ता राघवेंद्र 30 हजार रुपए लेकर उनके कार्यालय के चेंबर में गए तो सारिका ने रुपए लेकर बैग में रख लिए। टीम ने रंगे हाथ दबोच लिया। सारिका दमोह से दो बार जिला पंचायत सदस्य रहीं। शादी के बाद अमानगंज में राजनीति शुरू की और परिषद अध्यक्ष चुनीं गईं।
नोटों में लगा था पाउडर
शिकायत कर्ता राघवेंद्र राज के मुताबिक अमानगंज नगर परिषद अध्यक्ष सारिका खटीक बिलों के भुगतान के बदले में 30 हजार रुपए की रिश्वत मांग रही थीं। राघवेंद्र की शिकायत को लोकायुक्त टीम ने गंभीरता से लेकर इस सूचना को वेरिफाई किया और ट्रैप करने की प्लानिंग की। पुष्टि होने के बाद गुरुवार को लोकायुक्त की टीम ने शिकायतकर्ता को कैमिकल पाउडर लगे नोट दिए, जैसे ही सारिका खटीक ने नोटों को अपने हाथों में लेकर अपने बैग में रखा, वहां पहले से मौजूद लोकायुक्त पुलिस ने सारिका को धर दबोचा।
पहली बार पकड़ाया कोई जनप्रतिनिधि
अब तक सरकारी दफ्तरों में कर्मचारी, बाबू या आफिसर वर्ग के लोग रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा चुके हैं, लेकिन यह पहली बार है जब कोई जनप्रतिनिधि को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया है। सारिका खटीक को उनके ही दफ्तर में रिश्वत के साथ पकड़ा गया है। शिकायत कर्ता का आरोप है कि सारिका जब से अध्यक्ष बनी है, तभी से लिफ्टर के भुगतान के बदले प्रतिमाह पैसा ले रही थीं। यह रकम बढ़ाती जा रही थीं। इसी से तंग आकर उन्होंने इसकी शिकायत की थी। शिकायत करता ने बताया कि ठेकेदारी करने के साथ ही वे खुद भी भाजपा से जुड़े हुए हैं। बीजेपी सरकार में उन्हें न्याय की उम्मीद थी।
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